12th Sociology important top- 20 subject question answer 2024: यही क्वेश्चन आएगा एग्जाम 2024 में सभी स्टूडेंट इसे देख ले, BSEB EXAM

12th Sociology important top- 20 subject question answer 2024

12th Sociology important top- 20 subject question answer 2024: यही क्वेश्चन आएगा एग्जाम 2024 में सभी स्टूडेंट इसे देख ले, BSEB EXAM

12th Sociology important top- 20 subject question answer 2024:

प्रश्न 1. मलिन बस्तियों की समस्या पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए ।
उत्तर- भारत में मलिन बस्तियों की समस्या आवास तथा अत्यधिक भीड़भाड़ से संबंधित समस्या है। मलिन बस्तयों टूटे-फूटे उपेक्षित घरों का वह इलाका है जहाँ लोग आवश्यक जन सुविधाओं के बिना अत्यधिक गरीबी 1 में रहते हैं। सन् 1995 में मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 450 लाख थी । मलिन बस्तियों में रहने वाली भारतीय जनसंख्या विश्व के 107 देशों की कुल जनसंख्या से अधिक है।

प्रश्न 2. समाज कल्याण का क्या अर्थ है ?
उत्तर- समाज कल्याण के अन्तर्गत उन संगठित सामाजिक सेवाओं व प्रयासों को सम्मिलित किया जाता है जिनके द्वारा समाज के सभी सदस्यों को अपने व्यक्तित्व को संतुलित रूप से विकसित करने के अधिक अवसर व सुविधाएँ उपलब्ध होती है। सामाजिक कल्याण सेवाएँ विकास की अन्य सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, आवास, श्रमिक कल्याण आदि की पूरक हैं।

प्रश्न 3. सामाजिक परिवर्तन में आर्थिक कारक की भूमिका क्या है ?
उत्तर- अनेक विद्वान यह मानते हैं कि सामाजिक परिवर्तन का मुख्य कारण आर्थिक दशाओं में होने वाला परिवर्तन है। इसमें हम मुख्य रूप से उत्पादन का स्वरूप, सम्पत्ति की प्रकृति, व्यवसाय की प्रकृति, आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा, श्रम विभाजन तथा वितरण की व्यवस्था आदि को सम्मिलित करते. हुए यह निष्कर्ष दिया कि सभी समाजों में सामाजिक परिवर्तन का सर्वप्रथम
कारक उत्पादन के ढंग में होने वाला परिवर्तन है ।

प्रश्न 4. वर्ग की अवधारणा को समझाएँ ।
उत्तर- जब जन्म के अतिरिक्त समाज किसी आधार पर विभिन्न समूहों में बँट जाता है तो इस प्रकार के समूहों को सामाजिक वर्ग कहा जाता है। इस प्रकार का विभाजन प्रत्येक समाज में पाया जाता है। कुछ भी हो, विभिन्न विचारों की परिभाषाओं से वर्ग की धारणा पर्याप्त स्पष्ट हो जाएगी।
1. मैकाइवर और पेज-“सामाजिक वर्ग एक समुदाय का कोई भाग है जो सामाजिक स्थिति के आधार पर शेष भाग से पृथक किया जा सके।”
2. ऑगबर्न तथा निमकॉफ-“सामाजिक वर्ग उन व्यक्तियों के समुदाय को कहते हैं, जिनकी किसी समाज में सामाजिक स्थिति आवश्यक रूप से एक समान होती है।

प्रश्न 5. युवागृह से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- आदिम समाज में लड़के-लड़कियों के सामाजीकरण की प्रक्रिया के एक प्रमुख अभिकरण के रूप में युवा गृह का प्रकार्यात्मक महत्व है । युवा गृह आदि सामाजिक संरचना का एक विशिष्ट स्वरूप है । सामाजिक मानवशास्त्री के अध्ययन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि संध्याकाल आरम्भ होते ही लड़के-लड़कियाँ युवा गृहों में कदम रखते हैं और वहीं रात व्यतीत करते हैं । यहां उन्हें सांस्कृतिक मूल्यों, आदिम कानूनों एवं धार्मिक त्योहारों के सम्बन्ध में जानकारियाँ दी जाती हैं। उन्हें नृत्य तथा संगीत का भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है । विभिन्न जनजातीय समाज में युवागृहों को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है । डॉ० मजूमदार का कहना है कि युवा गृह की सदस्याता एक निश्चित आयु पूरी होने के बाद सभी के लिए अनिवार्य है। यह सामूहिक चेतना तथा शक्ति का प्रतीक है। उरांव जनजाति में युवागृह को घूमकुरिया हैं कहते हैं ।

प्रश्न 6. नगरीकरण का जाति व्यवस्था पर क्या प्रभाव है ?
उत्तर–नगरीकरण के साथ साथ जाति व्यवस्था में काफी परिवर्तन हुए हैं जो इस प्रकार हैं-
(1) जाति तथा व्यवसाय के बीच की कड़ी काफी कमजोर हुई है । इसके सम्बन्ध व्यवसाय से अधिक मजबूत नहीं रहे हैं ।
(2) जाति तथा आर्थिक स्थिति के सह संबंध काफी कमजोर हुई है अर्थात् आज गरीब व अमीर लोग हर जाति में पाए जाते हैं ।
(3) पहले की अपेक्षा अब जाति में व्यवसाय परिवर्तन आसान हो गया है, अर्थात् अब एक जाति का व्यक्ति दूसरे व्यवसाय को भी अपना सकता है।

प्रश्न 7. भारत में नगरीकरण की प्रमुख प्रवृत्ति की चर्चा करें।
उत्तर- बर्थ के अनुसार नगरीकरण की परिभाषा को जनसंख्या के दबाव के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है। नगरीकरण की प्रक्रिया के साथ सामाजिक स्तरीकरण में विस्तार होता है। श्रम विभाजन विशेषीकरण तथा विभेदीकरण में वृद्धि होती है। डेविड रिजमैन के अनुसार नगरीकरण की प्रक्रिया में औपचारिक संगठनों का अधिक विकास होता है। भीड़ में रहकर भी व्यक्ति अकेला महसूस करता है।
इस प्रकार उनके अनुसार नगरीकरण की विशेषता/प्रवृत्ति को निम्नलिखित दो बिंदुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है।
(i) नगरीकरण की प्रक्रिया नगरीय जनसंख्या में वृद्धि से जुड़ा है।
(ii) नगरीकरण की प्रक्रिया व्यक्तियों के सामाजिक तथा आर्थिक संबंधों में होने वाले परिवर्तन से जुड़ी हुई है।

प्रश्न 8. समुदाय के आवश्यक तत्त्व कौन-कौन हैं ?
उत्तर- समुदाय के आवश्यक हैं :
(i) व्यक्तियों का समूह
(ii) निश्चित भू-भाग
(iii) सामुदायिक भावना ।

प्रश्न 9. माल्थस के अनुसार जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार नियंत्रित की जा सकती है ?
उत्तर- माल्थस के अनुसार कृत्रिम निरोधों द्वारा जैसे कि बड़ी उम्र में विवाह करके या यौन संयम रखकर अथवा ब्रह्मचर्य का पालन करके सीमित संख्या में बच्चे पैदा करके जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है। माल्थस के अनुसार अकालों व बीमारियों के कारण जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है। क्योंकि इन अकालों से होने वाली लोगों की मृत्यु के द्वारा खाद्य आपूर्ति व जनसंख्या में संतुलन कायम किया जा सकता है।

प्रश्न 10. जनसंख्या वृद्धि के तीन बुनियादी चरण बताइए ।
उत्तर- (1) समाज में जनसंख्या वृद्धि का कम होना ।
(2) विकसित समाज में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट ।
(3) समाज का पिछड़ी अवस्था से उन्नत अवस्था में आना ।

प्रश्न 11. आयु-संरचना को प्रभावित करने वाले कारक बताइए।
उत्तर- आयु-संरचना को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक हैं-
(1) प्रारम्भ में निम्न स्तर की चिकित्सा सुविधाओं व रोगों के प्रकोप के कारण जीवन अवधि कम थी व लोग जल्दी व कम उम्र में ही मृत्यु का शिकार हो जाते थे ।
(2) शिशुओं तथा प्रसूताओं की मृत्यु की ऊँची दरें आयु संरचना को प्रभावित करती हैं।

प्रश्न 12. 1921 के बाद मृत्यु दर में गिरावट आने का प्रमुख कारण थे
उत्तर- 1921 के बाद मृत्यु दर में गिरावट आने के निम्नलिखित कारण क्या था ?
(1) अकालों व महामारियों पर नियन्त्रण ।
(2) स्वास्थ्य सुविधाओं व तकनीकों में विकास ।

प्रश्न 13. पूर्वाग्रह को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- पूर्वाग्रह- इस शब्द का उचित अर्थ है-‘पूर्वनिर्णय’ अर्थात् ‘पहले ही निर्णय लेना’। एक समूह के सदस्यों द्वारा दूसरे समूहों के सदस्यों के बारे में पूर्वनिर्णय लेना या व्यवहार इत्यादि ‘पूर्वाग्रह’ कहलाता है। इसमें किसी व्यक्ति या समूह को जाने या पहचाने बिना ही नकारात्मक सोच या व्यवहार बना लिया जाता है। यह मनोवृत्ति और विचारों को दर्शाता है.

प्रश्न 14. रूढ़िबद्ध धारणाओं से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- रूढ़िबद्ध धारणाएँ लोगों के एक समूह का निश्चित और अपरिवर्तनीय स्वरूप एवं रूढ़िबद्ध धारणाएँ ज्यादातर नृजातीय और प्रजातीय समूहों और महिलाओं के संबंध में प्रयोग की जाती हैं। रूढ़िबद्ध धारणा पूरे समूह को एक समान रूप से स्थापित कर देती है। इस रूढ़िबद्ध धारणा के अन्तर्गत व्यक्तिगत, समयानुसार या परिस्थिति अनुरूप भिन्नता को भी नकार दिय जाता है

प्रश्न 15. ‘भेदभाव’ शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- भेदभाव भेदभाव एक समूह या व्यक्ति के प्रति किया गया व्यवहार कहलाता है। यह व्यवहार सकारात्मक व नकारात्मक दोनों प्रकार का हो सकता है। भेदभाव के तहत एक समूह को उन सुविधाओं, नौकरियों के अवसरों से वंचित किया जा सकता है जो दूसरे समुदाय या जाति के लोगों के लिए खुले होते हैं। उदाहरण के लिए, किसी क्षेत्र में एक समूह के व्यक्ति को नौकरी देना व दूसरे समूह के व्यक्ति को मना कर देना।

प्रश्न 16. ‘सामाजिक बहिष्कार क्या है ?
उत्तर- सामाजिक बहिष्कार वे तौर-तरीके जिनके जरिए किसी व्यक्ति या समूह को समाज में पूरी तरह घुलने-मिलने से रोका जाता है। इन तरीकों के कारण किसी समूह को अन्य समूह में पृथक् या अलग रखा जाता है। ये किसी व्यक्ति या समूह को उन अवसरों या सुविधाओं से वंचित करते हैं जो अधिकांश जनसंख्या के लिए खुले होते हैं या अधिकांश जनसंख्या को प्राप्त होते हैं। सामाजिक बहिष्कार लोगों की इच्छाओं के विरुद्ध होता है।

प्रश्न 17. ‘जनजाति’ को परिभाषित कीजिए।
उत्तर- जनजाति – एक सामाजिक समूह जिसमें कई परिवार, कुल (वंशज) शामिल हों और नातेदारी, सजातीयता, सामान्य इतिहास अथवा प्रादेशिक-राजनीतिक संगठन के साँझे संबंधों पर आधारित हो। जाति परस्पर अलग-अलग जातियों की अधिक्रमिक व्यवस्था है, जबकि जनजाति एक समावेशात्मक समूह होती है ।

प्रश्न 18. जाति व वर्ण शब्द की उत्पत्ति का स्रोत बताइए। जाति शब्द का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-जाति एक प्राचीन सांस्कृतिक संस्थान है जो कि हजारों वर्षों से भारतीय इतिहास एवं संस्कृति का एक हिस्सा है। विश्व के अन्य भागों में भी समान प्रभाव उत्पन्न करने वाली सामाजिक व्यवस्थाएँ पायी जाती हैं। जाति शब्द का अंग्रेजी अर्थ ‘कास्ट’ बताया गया है। ‘कास्ट’ शब्द की उत्पत्ति पुर्तगाली मूल के शब्द ‘कास्टा’ से हुई है। ‘कास्टा’ शब्द का अर्थ है-विशुद्ध नस्ल । कास्ट शब्द का अर्थ विस्तृत संस्थागत व्यवस्था से है जिसे भारतीय भाषाओं में वर्णों व जाति जैसे शब्दों में प्रयोग किया जाता है। ‘वर्ण’ शब्द का तात्पर्य ‘रंग’ से है, जबकि जाति शब्द किसी भी वस्तु के प्रकार या वंश – श्रेणी को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पेड़-पौधों, पशु-पक्षी इत्यादि सभी जाति के अन्तर्गत सम्मिलित किए जाते हैं। परन्तु भारतीय भाषाओं में जाति शब्द का प्रयोग जाति संस्थान के संदर्भ में ही किया जाता है

प्रश्न 19. ‘अदृश्य हाथ का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर – राजनीतिक अर्थशास्त्रियों में एडम स्मिथ सर्वाधिक प्रचलित थे । ‘अदृश्य हाथ’ का नाम उन्हीं के द्वारा दिया गया। स्मिथ का तर्क था कि बाजारी अर्थव्यवस्था व्यक्तियों में आदान-प्रदान या सौदों का एक सर्वाधिक लंबा क्रम है, जो अपनी क्रमबद्धता से स्वयं ही एक कार्यशील और स्थिर व्यवस्था की स्थापना करती हैं। ऐसा तब भी होता है जब कोई व्यक्ति करोड़ों के लेन-देन में इसकी स्थापना का इरादा रखता है। प्रत्येक व्यक्ति अपने लाभ को बढ़ाने की सोचता है और ऐसा करते हुए उसके सभी कार्य समाज के या सभी के हित में होते हैं। इस प्रकार ऐसा प्रतीत होता है कि कोई एक अदृश्य बल यहां काम करता है जो इन व्यक्तियों की लाभ की प्रवृत्ति को समाज के लाभ में परिवर्तित कर देता है। इस प्रकार के बल को स्मिथ द्वारा ‘अदृश्य दल’ का नाम दिया गया। ‘अदृश्य हाथ’ के विचार को स्मिथ ने इस तर्क के रूप में प्रयोग किया कि जब बाजार में व्यक्ति स्वयं लाभानुसार कार्य करता है तो समाज को हर तरह से लाभ होता है, क्योंकि यह अर्थव्यवस्था को बढ़ाता है और अधिक समृद्धि उत्पन्न करता है ।

प्रश्न 20. व्यापार की सफलता में जाति एवं नातेदारी संपर्क कैसे योगदान कर सकते हैं?
उत्तर- व्यापार की सफलता में जाति एवं नातेदारी संपर्क के लिए तमिलनाडु के नाकरट्टार एक जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इनकी व्यापारिक गतिविधियाँ समुदाय के सामाजिक संगठनों से जुड़ी हुई थीं। जाति, नातेदारी और परिवार की संरचना सब व्यापार के अनुकूल थी। नाकरट्टारों के बैंक भी संयुक्त पारिवारिक संस्थान थे अर्थात् इनमें जाति एवं नातेदारी सभी का उचित सहयोग था । इसी प्रकार व्यापारिक और बैंकिंग गतिविधियाँ जाति और नातेदारी के माध्यम से संगठित थीं। अतः जाति एवं नातेदारी संपर्कों द्वारा व्यापारिक गतिविधियाँ बढ़ाई जा सकती हैं। अतः बाजार की सफलता में जाति एवं नातेदारी संपका का योगदान होता है।

 

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