Class 12th ka Subject Economics Top 20 Question Exam 2024: कक्षा 12वीं का विषय अर्थशास्त्र से परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न यहां से पढ़े….
Class 12th ka Subject Economics Top 20 Question Exam 2024:
प्रश्न 1. एक अर्थव्यवस्था की तीन आधारभूत आर्थिक क्रियाएँ लिखें।
उत्तर- एक अर्थव्यवस्था की आधारभूत या मूलभूत आर्थिक क्रियाएँ (Basic economic activities of an economy)- 1. उत्पादन, 2. उपभोग तथा 3. पूँजी निर्माण या निवेश ।
1. उत्पादन (Production)- उत्पादन से अभिप्राय उस क्रिया से है जिसके फलस्वरूप मूल्य का निर्माण होता है या वर्तमान वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि होती है। वस्तुओं के रूप परिवर्तन, स्थान परिवर्तन आदि से उनके मूल्यों में वृद्धि होती है। इसे ही उत्पादन कहा जाता है। |
2. उपभोग (Consumption)- व्यक्तिगत अथवा सामूहिक मानवीय आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष पूर्ति के लिए वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रयोग को उपभोग कहते हैं
3. पूँजी निर्माण (Capital Formation)- एक लेखा वर्ष में अर्थव्यवस्था की भौतिक पूँजी के स्टॉक में वृद्धि को पूँजी निर्माण या निवेश कहते हैं। दूसरे शब्दों में एक लेखा वर्ष में “उपभोग पर उत्पादन का अधिक्य” पूँजी निर्माण कहलाता है ।
प्रश्न 2. तटस्थता वक्रों की विशेषताएं लिखें ।
उत्तर-तटस्थता वक्रों की विशेषताएँ (Properties of Indifference Curves) :
1. तटस्थता वक्र हमेशा मूल बिन्दु की ओर उन्नतोदर (Convex to origin) होते हैं । इन वक्रों की यह विशेषता घटती हुई प्रतिस्थापन दर के नियम पर आधारित है ।
2. तटस्थता वक्र हमेशा दाईं ओर नीचे को झुकते हैं। यह कभी भी क्षैतिज या उद्गम वक्र का रूप नहीं ले सकता ।
3. तटस्थता वक्र एक-दूसरे को काटते नहीं ।
4. तटस्थता वक्रों का एक-दूसरे के समान्तर होना आवश्यक नहीं है ।
प्रश्न 3. क्यों अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को काटता है ?
उत्तर- जब अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र से नीचे होता है तब औसत परिवर्ती लागत कम होती है। अतः उत्पादन के इस स्तर पर SMC < AVC परन्तु जब अल्पकालीन सीमान्त लागत औसत परिवर्तनशील लागत के बराबर हो जाती हैं तब AVC स्थिर हो जाता है और यही न्यूनतम बिन्दु है जहाँ इसे SMC इसे नीचे से काटता है।
प्रश्न 4. कुल उत्पाद, औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर- कुल उत्पाद, औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद में सम्बन्ध (Relationship between TP, AP and MP) :
1. आरम्भ में कुल उत्पाद, सीमान्त उत्पाद तथा औसत उत्पाद सभी बढ़ते हैं । इस स्थिति में सीमान्त उत्पाद औसत उत्पाद से अधिक होता है ।
2.जब औसत उत्पाद अधिकतम व स्थिर होता है तो सीमान्त उत्पाद औसत उत्पाद के बराबर होता है ।
3. इसके बाद औसत उत्पाद और सीमान्त उत्पाद कम होता है । सीमान्त उत्पाद औसत उत्पाद से कम होता है, शून्य होता है और ऋणात्मक होता है परन्तु औसत उत्पाद तथा कुल उत्पाद हमेशा धनात्मक होते हैं ।
4. जब सीमान्त उत्पाद शून्य होता है तब कुल उत्पाद अधिकतम होता है ।
प्रश्न 5. क्या दीर्घकाल में कुछ स्थिर लागतें हो सकती हैं ? यदि नहीं तो क्यों ?
उत्तर -दीर्घकाल में स्थिर लागतें नहीं होतीं। इसका कारण यह है कि दीर्घकाल इतनी लम्बी अवधि होती है कि उत्पादन के सभी साधनों (कारकों) को सरलता से घटाया व बढ़ाया जा सकता है अर्थात् उत्पादन के सब साध न स्थिर नहीं होते । इस समयावधि में नई फर्म बाजार में प्रवेश कर सकती है । विद्यमान फर्म बाजार छोड़ सकती है अथवा अपनी क्षमता को कम या अधिक कर सकती है। दीर्घकाल में सभी लागतों में परिवर्तन होता रहता है और स्थिर साधन का अस्तित्व नहीं होता ।
प्रश्न 6. पूर्ण प्रतियोगिता किसे कहते हैं ?
उत्तर-पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति है जिसमें किसी समरूप वस्तु के बहुत से क्रेता तथा विक्रेता होते हैं। इस बाजार में फर्म केवल बाजार कीमत पर ही अपने उत्पादन का विक्रय कर सकती है.
प्रश्न 7. व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र की परस्पर निर्भरता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। उदाहरण के लिए सामान्य मजदूरी स्तर का निर्धारण समष्टि अर्थशास्त्र का विषय है जबकि एक उद्योग में मजदूरी की दर का निर्धारण व्यष्टि अर्थशास्त्र का विषय है। यदि एक उद्योग में मजदूरी की दर तय की जाती है तो उस पर सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के सामान्य मजदूरी स्तर का अवश्य प्रभाव पड़ेगा। देश के सामान्य कीमत स्तर का किसी एक वस्तु की कीमत पर प्रभाव पड़ेगा। इस प्रकार समष्टि अर्थशास्त्र व्यष्टि अर्थशास्त्र को प्रभावित करता है। इसी प्रकार व्यष्टि अर्थशास्त्र भी समष्टि अर्थशास्त्र को प्रभावित करता है। व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों के उत्पादन पर ही देश का कुल उत्पादन स्तर और देश के विभिन्न व्यक्तियों की माँग पर ही समस्त माँग निर्भर करती है।
प्रश्न 8. एक उदाहरण की सहायता से आभावी मांग की अवधारणा स्पष्ट करें।
उत्तर- प्रभावी मांग सिद्धान्त के अनुसार यदि पूर्ण नियोजित सामूहिक मांग नियोजित सामूहिक पूर्ति के समान है तो अर्थव्यवस्था संतुलन में होती है ।
यदि नियोजित सामूहिक मांग, नियोजित सामूहिक पूर्ति से कम होती है। तो इस स्थिति का अभावी मांग या न्यून मांग कहते हैं । माना कि स्वायत अंतिम उपभोग 50 रु. है, स्वायत्त निवेश व्यय 20 रु. है, सीमांत उपभोग प्रवृत्ति MPC = 0.8 है,
तथा आय का स्तर 500 G है तब सामूहिक मांग C+1+ Cy
= 50 +20+ 0.8 × 500
=70+400 470
अर्थव्यवस्था अभावी मांग की स्थिति होगी क्योंकि साम्य व्यवस्था के लिए सामूहिक मांग का स्तर 500 रु. होना चाहिए।
प्रश्न 9, पूर्ति की मात्रा में परिवर्तन तथा पूर्ति में परिवर्तन में अन्तर समझाएँ ।
उत्तर- पूर्ति में परिवर्तन लाने वाले कारकों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है (1) वस्तु की कीमत तथा (2) कीमत के अतिरिक्त अन्य कारक । कीमत में परिवर्तन (अधिक या कम होने से पूर्ति में होने वाले परिवर्तन (अधिक या कम) को पूर्ति का विस्तार या पूर्ति की मात्रा में परिवर्तन कहते हैं । इसे पूर्ति का विस्तार / संकुचन के रूप में ही प्रकट किया जाता है । इसके विपरीत कीमत के अतिरिक्त अन्य कारकों में परिवर्तन के परिणामस्वरूप पूर्ति में होने वाले परिवर्तन को पूर्ति में परिवर्तन कहते हैं। इसे पूर्ति में वृद्धि/नमी के रूप में ही प्रकट किया जाता है ।
प्रश्न 10. खाद्यान्न उपलब्धता गिरावट (FAD) सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- 1998 के नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री प्रो० अमर्त्यसेन ने एक नये सिद्धान्त का प्रतिपादन किया जिसे खाद्यान्न उपलब्धता गिरावट सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है। इस सिद्धान्त के अनुसार, प्राकृतिक विपदाएँ (जैसे- बाढ़, सूखा आदि) आवश्यक खाद्यान्न के उत्पादन में कमी लाती है जिसके कारण खाद्यान्न की पूर्ति माँग की तुलना में गिरती है। पूर्ति के सापेक्ष खाद्यान्न की आन्तरिक माँग खाद्यान्न की कीमतों को बढ़ाती है जिसके परिणामस्वरूप गरीब व्यक्ति खाद्यान्न उपलब्धता से वंचित हो जाते हैं और क्षेत्र में भूखमरी की समस्या उत्पन्न होती है।
प्रश्न 11. व्यष्टि अर्थशास्त्र की कौन-कौन सी विशेषताएँ हैं ?
उत्तर -इसे व्यक्ति अर्थशास्त्र भी कहते हैं। यह अर्थशास्त्र का वह भाग है जिसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों के व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है। इसमें एक उपभोक्ता, एक उत्पादक, एक फर्म या एक उद्योग की आर्थिक क्रियाओं, व्यक्तिगत आय, किसी विशेष साधन की कीमत का निर्धारण आदि का अध्ययन किया जाता है
प्रश्न 12. किसी वस्तु की पूर्ति तथा स्टॉक में क्या अन्तर है ?
उत्तर- किसी वस्तु की उपलब्धता उसकी पूर्ति है जबकि वस्तु का संग्रहण स्टॉक है माँग पर पूर्ति निर्भर है किन्तु स्टॉक पर पूर्ति निर्भर नहीं करती
है ।
प्रश्न 13. स्थिर विनिमय दर के गुणों एवं दोषों को बताइए।
उत्तर- (i) राष्ट्रीय हितों की अवहेलना (Ignores National Interest ) — स्थिर विनिमय दर प्रणाली का एक दोष यह भी है कि अन्तर्राष्ट्रीय हित में राष्ट्रीय हितों की बलि करनी पड़ती है क्योंकि अपनी मुद्रा दर अन्य देशों की मुद्रा से एक निश्चित अनुपात बनाये रखने के लिए आन्तरिक रोजगार, राष्ट्रीय आय, मूल्य-स्तर व अन्य राष्ट्रीय हितों को गौण माना जाता है। आधुनिक युग में इस प्रकार की नीति अपनाना न तो सम्भव है और न उचित ही है ।
(ii) अनेक क्षेत्रों में नियंत्रण (Controls in Various Sectors)—- स्थिर विनिमय दर प्रणाली के अन्तर्गत केवल विदेशी विनिमय और भुगतानों पर ही प्रतिबन्ध लगाना पर्याप्त नहीं है बल्कि अनेक प्रकार के अनुशासन उद्योग, बैंकिंग व्यवसाय और विदेशी व्यापार आदि पर भी लागू करने पड़ते हैं । इन प्रतिबन्धों व नियन्त्रणों के कारण भ्रष्टाचार व अनैतिक क्रियाओं को प्रोत्साहन मिलता है जिसे समाप्त करना बहुत कठिन होता है ।
(iii) विनिमय दर में आकस्मिक उच्चावचन (Sudden Fluctua tions in Exchange Rate ) — स्थिर विनिमय दर बनाए रखने में जब कोई मुद्रा कमजोर हो जाती है, तब उसका आकस्मिक अवमूल्यन कर दिया जाता है । इसका विदेशी व्यापार तथा भुगतान संतुलन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न 14. बाजार के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख करें ।
उत्तर- बाजार के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख-
(1) पूर्ण प्रतियोगिता पूर्ण प्रतियोगिता बाजार की वह स्थिति होती हैं जिसमें एक समान वस्तु के बहुत अधिक क्रेता एवं विक्रेता होते हैं एक क्रेता तथा एक विक्रेता बाजार कीमत को प्रभावित नहीं कर पाते और यही कारण है कि पूर्ण प्रतियोगिता में बाजार में वस्तु की एक ही कीमत प्रचलित रहती है।
(2) एकाधिकार एकाधिकार दो शब्दों से मिलकर बना है-एक अधि कार अर्थात् बाजार की वह स्थिति जब बाजार में वस्तु का केवल एक मात्र विक्रेता हो । एकाधिकारी बाजार दशा में वस्तु का एक अकेला विक्रेता होने के कारण विक्रेता का वस्तु की पूर्ति पर पूर्ण नियन्त्रण रहता है। विशुद्ध एकाधि कार में वस्तु का निकट स्थानापन्न की उपलब्ध नहीं होता ।
(3) एकाधिकारी प्रतियोगिता वास्तविक जगत में न तो पूर्ण प्रतियोगिता प्रचलित होती और न ही एकाधिकार । वास्तविक बाजार में प्रतियोगिता एवं एकाधिकार दोनों के ही तत्व उपस्थित रहते हैं। इस बाजार दशा में समूह के उत्पादक विभेदीकृत वस्तुओं का उत्पादन करते हैं जो एक समान तथा समरूप नहीं होता, किन्तु निकट स्थानापत्र अवश्य होता है।
प्रश्न 15. प्रत्यक्ष कर की तीन विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- प्रत्यक्ष कर की तीर विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
(क) जिस व्यक्ति पर यह कर लगाये जाते हैं, व इन करों का भुगतान करता है। ये किसी भी अन्य व्यक्ति पर टाला नहीं जा सकता ।
(ख) ये कर प्रगतिशील होते हैं ।
(ग) ये कर अनिवार्य होते हैं।
प्रश्न 16. अर्धशास्त्र में अंतुलन से क्या अभिप्राय है ? समझाएँ ।
उत्तर-संतुलन (Equilibrium)- भौतिक विज्ञान में संतुलन का अर्थ “स्थिर अवस्था से लिया जाता है। संतुलन की अवस्था में परिवर्तन की सम्भावना नहीं होती या किसी प्रकार की गति नहीं होती किन्तु अर्थशास्त्र में संतुलन का अर्थ स्थिर अथवा अर्थव्यवस्था में गतिहीनता से नहीं लिया जाता। अर्थशास्त्र में संतुलन की अवस्थ उस स्थिति को कहते हैं जिसमें गति तो होती है परन्तु गति की दर में परिवर्तन नहीं होता । यह वह अवस्था है जिसमें अर्थव्यवस्था की कोई एक इकाई या भाग या सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था अपने इष्ट बिन्दु पर होती है और उनमें उग बिन्दु से हटने की कोई प्रवृत्ति नहीं होती ।
प्रश्न 17. माँग के निर्धारकों की व्याख्या करें।
उत्तर- वे तत्त्व जो किसी वस्तु की माँगी गई मात्रा को प्रभावित करते हैं माँग को निर्धारित करने वाले तत्व कहलाते हैं। ये मुख्य तत्त्व निम्नलिखित हैं-
(1) संबंधित वस्तुओं वो कीमतें (Prices of related goods)– प्रतिस्थापन वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दी गई वस्तु की माँग में वृद्धि हो जाती है। जैसे-चाय की कंमत में वृद्धि होने पर उसकी प्रतिस्थापन वस्तु कॉफी की माँग में वृद्धि हो जाती है। एक पूरक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दी गई वस्तु की माँग में कमी हो जाती है। पेट्रोल की कीमत में वृद्धि होने पर मोटर गाड़ी की माँग में कमी हो जाती है ।
(2) आय (Income)- उपभोक्ता को आय में वृद्धि होने पर वस्तु को माँग में वृद्धि हो जाती है । यह वस्तु पर निर्भर करता है कि वस्तु सामान्य वस्तु है अथवा घटिया वस्तु है ।
(3) रुचि, स्वभाव, आदत (Taste, Preference and Habit)- यदि रुचि, स्वभाव और आदत में परिवर्तन अनुकूल हो तो वस्तु की मांग में वृद्धि हो जाती है ।
प्रश्न 18. हम संबंधित और असंबंधित वस्तुओं में भेद कैसे करते हैं ?
उत्तर- हम एक वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से दूसरी वस्तु पर पड़ने वाले प्रभाव के आधार पर संबंधित और असंबंधित वस्तुओं में भेद करते हैं। यदि एक वस्तु की कीमत में परिवर्तन के फलस्वरूप दूसरी वस्तु की माँग में परिवर्तन आता है तब वे वस्तुएँ संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, कॉफी की कीमत में वृद्धि होने से चाय की मांग में वृद्धि होती है तो कॉफी और चाय संबंधित वस्तुएँ हैं। वस्तुएँ उस समय संबंधित होती हैं जब एक वस्तु की कीमत में परिवर्तन होने से दूसरी वस्तु की मात्रा में कोई परिवर्तन नहीं आता। जल और चीनी असंबंधित वस्तुएँ हैं।
प्रश्न 19. औसत उत्पाद तथा कुल उत्पाद में सम्बन्ध बतायें ।
उत्तर- औसत उत्पाद एवं कुल उत्पाद में सम्बन्ध (Relationship between AP and TP) :
1. जब कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है तो औसत उत्पाद भी बढ़ता है
2.जब कुल उत्पाद घटती दर से बढ़ता है तो औसत उत्पाद घटता है।
3. कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद हमेशा धनात्मक रहते हैं ।
प्रश्न 20. पूर्ण प्रतियोगिता में AR वक्र OX- अक्ष के समान्तर क्यों होता है ?
उत्तर- पूर्ण प्रतियोगिता में प्रत्येक फर्म के लिए कीमत दी हुई होती है। वह अपनी इच्छा से कीमत में परिवर्तन नहीं कर सकती । अतः उत्पादन के प्रत्येक स्तर पर कीमत (अर्थात् AR) समन रहती है। अतः पूर्ण प्रतियोगिता के अंतर्गत फर्म का माँग वक्र (अथवा औसत आगम वक्र) OX- अक्ष के समांतर होता है ।