Class 12th ka Subject Home Science Important Question Exam 2024: कक्षा 12वीं के लिए होम साइंस का परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न यहां से पढ़े….

Class 12th ka Subject Home Science Important Question Exam 2024

Class 12th ka Subject Home Science Important Question Exam 2024: कक्षा 12वीं के लिए होम साइंस का परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न यहां से पढ़े….

Class 12th ka Subject Home Science Important Question Exam 2024:

प्रश्न 1. 0-3 माह और 10-12 माह के बच्चों के क्रियात्मक विकास में अन्तर स्पष्ट करें ।
उत्तर- (1) 0-3 माह तक की आयु (क्रियात्मक विकास) तक नवजात शिशु असहाय होता है। एक माह उपरान्त वह अपना सिर उठा सकने में समर्थ हो जाता है। तीन माह उपरान्त गर्दन दिखाई देने लगती है। दो माह का शिशु अपना सिर व छाती पेट के बल लेटे-लेटे ही उठा सकता है। तीन माह के शिशु के नजदीक यदि कोई वस्तु लायी जाए तो उसे पकड़ने की चेष्टा करता है । 10-12 माह की आयु में (क्रियात्मक विकास) बच्चा हाथों व घुटनों के बल अच्छी तरह रेंगना सोख लेता है। वह पूर्ण विकास के साथ खड़ा होने लगता है । वह खड़ा होकर अपने माता-पिता तथा भाई बहनों का हाथ पकड़कर हर्ष अनुभव करता है। उनके सहारे से वह एक-दो कदम चलने लगता है।

अथवा
विकलांग बालकों की विशेष सेवाओं का वर्णन करें। उत्तर-विकलांग बालकों को कुछ विशेष सेवाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए जो उनको व्यक्तिगत आवश्यकताओं से जुड़ी हों, जैसे-
1. हड्डियों के शल्यचिकित्सक (Orthopaedic surgeon) और स्नायु तंत्र चिकित्सक (Neurologist) जैसे विशेषज्ञों द्वारा बालकों का जितना जल्दी हो सके निरीक्षण करवाना।
2. शल्य (Surgical) चिकित्सा और आनुषंगिक (Ancillary) सेवाएं जैसे शारीरिक चिकित्सा (Physiotherapy) और व्यावसायिक चिकित्सा (Occupational Therapy) उपलब्ध कराना ।
3. मनोवैज्ञानिक (Psychological) निरीक्षण और आवश्यकतानुसार मानसिक सेवा उपलब्ध कराना ।
4. कृत्रिम अंग लगाना ।
5. प्रारंभिक वर्षों से ही उचित शिक्षा और व्यवसाय पूर्व प्रशिक्षण दिलाना ।
6. उनके खाने, वस्त्र, आवास आदि के लिए आर्थिक सहायता और शिक्षा आदि के उपकरणों के लिए अनुदान उपलब्ध कराना ।
7. समुचित मनोरंजन का प्रबंध करना

प्रश्न 2. खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए छः सुझाव दीजिए।
उत्तर- (1) विश्वसनीय दुकानों से ही सामान खरीदें।
(2) विश्वसनीय तथा उच्च स्तर की सामग्री खरीदें क्योंकि उसकी गुणवत्ता अधिक होती है। एगमार्क I.F.O. तथा I.S.I. चिह्नित वस्तुएं खरीदें।
(3) खुले खाद्य पदार्थ न खरीदें; सीलबंद, पैकेट व डिब्बे में ही लें।
(4) खरीदने से पहले लेबल व प्रमाण चिह्न अवश्य पढ़ लें; जैसे खाद्य पदार्थ का नाम, सामग्री, बनाने तथा खराब होने की तिथि, उत्पादक का नाम, स्थान और पता, कुल भार, स्थानीय कर रहित कीमत, संग्रहण तथा इस्तेमा सम्बन्धी जानकारी, गुणवत्ता के लिए प्रमाण चिह्न आदि ।
(5) गुणवत्ता के लिए सचेत रहें और ध्यान रखें जिससे कि आप मिलावट के कारण ठगे न जा सकें
(6) स्वास्थ्य चिकित्सा प्रयोगशाला से मिलावटी पदार्थों का निरीक्षण व परीक्षण कराएँ ।

अथवा
खसरे के तीन विशिष्ट लक्षणों की सूची बनाएं तथा रोग की रोकथाम के लिए ली जाने वाली तीन सावधानियाँ भी लिखें। उत्तर- खसरे रोग के लक्षण (Symptoms of Measles ) :
1. सर्वप्रथम बच्चे को जुकाम, खाँसी व सिरदर्द के साथ-साथ बुखार होता है ।
2. चार-पाँच दिन के पश्चात् बच्चे के मुंह व कनपटी के पीछे छोटे-छोटे दाने दिखाई देने लगते हैं। धीरे-धीरे ये सारे शरीर पर फैल जाते हैं तथा लाल हो जाते हैं
3. बच्चों की नाक व आंखों से पानी बहने लगता है और उसे छाँके आने लगती हैं। गले व नाक में सूजन आ जाती है।

खसरा रोग के उपचार एवं रोकथाम (Treatment and Prevention) :
1. रोगी को पूर्णत: आराम देना चाहिए तथा एक अलग गरम व हवादार कमरे में अन्य बच्चों से अलग रखना चाहिए ।
2. रोगी को दानों में खुजली नहीं करनी देनी चाहिए ।
3. रोगी के वस्त्र, खिलौने व अन्य चीजें विसंक्रमित करनी चाहिए ।
4. बच्चों को नौ माह की आयु में खसरे का प्रतिरोधक टीका लगवाना चाहिए ।

प्रश्न 3. आहार योजना आयु व व्यवसाय से प्रभावित होती है। इस तथ्य के पक्ष में दो-दो उदाहरण प्रस्तु बीसीत कीजिए ।
उत्तर- (i) आयु-आहार की रचना, आश्रियता व मात्रा पर आयु का बहुत प्रभाव पड़ता है। शिशु का आहार क्या होता है ? वे केवल माता के दूध या दूध पर आश्रित रहते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं उनका आहार थोड़ा ठोस जैसे सूजी की खीर, कस्टर्ड व खिचड़ी हो जाता है। इस प्रकार आयु के साथ बढ़ते बच्चों का आहार भी भिन्न होता जाता है । आहार की पौष्टिकता व मात्रा भी विकास तथा क्रियाशीलता के अनुरूप होती है। किशोरों का आहार स्कूल जाने से पूर्व व स्कूली बच्चों से अधिक होता है।
(ii) व्यवसाय व क्रियाशीलता ये दोनों कारक भोजन को बहुत प्रभावित करते हैं। प्रत्येक व्यक्ति की आहार आवश्यकताएँ उसके मौलिक चयापचय दर के अनुरूप होती हैं। आपने स्वास्थ्य व जीव विज्ञान में मौलिक चयापचय दर (Basal Metabolic Rate) के बारे में पढ़ा है। विभिन्न कार्यों के लिए कैलोरी की आवश्यकताएँ भी भिन्न होती हैं। मजदूरों को दफ्तर के कर्मचारियों से अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।
(क) हल्का श्रम- जो व्यक्ति बैठकर हल्का श्रम करते हैं, उन्हें 70 कैलोरीज प्रति घंटा BMR की दर से अधिक आवश्यकता होती है। जिन गृहिणियों के पास काम को कम हल्का करने के उपकरण हैं, उन्हें भी कम कैलोरीज की आवश्यकता होती है। जिनके पास काम करने के लिए नौकर हैं, उन्हें भी कम कैलोरीज चाहिए।
(ख) मध्यम श्रम- जो व्यक्ति मध्यम श्रेणी का श्रम करते हैं, उन्हें अपनी BMR की दर से केवल 100-200 कैलोरीज अधिक की आवश्यकता होती है। व्यापारी, अध्यापक, गृहिणियाँ व छात्र अधिकतर इसी श्रेणी में आते हैं ।
(ग) कठोर श्रम-मजदूर, किसान व खिलाड़ी कठोर श्रम करते हैं इनके भोजन की मात्रा व कैलोरी की आवश्यकता सबसे अधिक होती है जिन व्यक्तियों का शरीर आकार में बड़ा होता है उन्हें मध्यम व छोटे आकार वाले व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक कैलोरी की आवश्यकता होती है।

अथवा
प्रत्येक परिवार को अपने आय व व्यय का ब्यौरा रखना चाहिए। इस कथन के पक्ष में कुछ कारण प्रस्तुत करें।
उत्तर- आय व व्यय का हिसाब रखने से लाभ (Advantages of Maintaining Records of Income and Expenditure)- 1 महीने के आखिर में विभिन्न मदों पर किए गए दैनिक खर्च के अतिरिक्त मासिक खर्च निकाला जा सकता है। इससे पता चल सकता है कि वास्तविक खर्च कितना हुआ है और यह बजट के वास्तविक व्यय से अधि क है या कम । इस ज्ञान से आगामी मास के बजट में सुधार किए जा सकते है
2. कई पदार्थों, जैसे अखबार, दूध आदि का मूल्य नकद नहीं चुकाया जाता है और मास के अंत में ही कुल रकम का भुगतान किया जाता है। यदि नियमित रूप से दैनिक हिसाब लिखा हुआ है तो भुगतान की परेशानी नहीं होती ।
3. बाजार से सामान उधार खरीदने पर हिसाब लिखने की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है क्योंकि दुकानदार जब मास के अन्त में बिल देते हैं तो उसमें या तो वस्तुओं का मूल्य अधिक लिख देते हैं या फिर जो वस्तुएँ भी खरीदी हों, उन्हें भी बिल में शामिल कर देते हैं। अतः नियमित रूप से हिसाब लिखा हो तो लेन-देन में झगड़े नहीं होते ।

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