Bihar Board 12th Hindi Usne kaha Tha Lasston-2 Subjective Quesstion 2024: हिंदी का महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव क्वेश्चन यहां से देखें, Sarkari Board

Bihar Board 12th Hindi Usne kaha Tha Lasston-2 Subjective Quesstion 2024

Bihar Board 12th Hindi Usne kaha Tha Lasston-2 Subjective Quesstion 2024: हिंदी का महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव क्वेश्चन यहां से देखें, Sarkari Board

उसने कहा था 

Bihar Board 12th Hindi Usne kaha Tha Lasston-2 Subjective Quesstion 2024

प्रश्न 1. ‘उसने कहा था’ कहानी का केन्द्रीय भाव क्या है? वर्णन करें। (Sc. & Com. 2020A/
उत्तर- लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा लिखित पाठ ‘उसने कहा था’ का केन्द्रीय भाव स्पष्ट होता है कि मुख्य पात्र लहना सिंह जो प्रथम विश्वयुद्ध के दरम्यान भारत सरकार के पक्ष से लड़ता है।
प्रस्तुत पाठ में पक्के यथार्थवाद के बीच, सुरुचि की चरण मर्यादा के भीतर, भावुकता का चरम उत्कर्ष अत्यंत निपुणता के साथ संपुटित है। घटना इसकी ऐसी है जैसी बराबर हुआ करती है, पर उसमें भीतर से प्रेम का एक स्वर्गीय स्वरूप झाँक रहा है। निर्लज्जता के साथ पुकार या कराह नहीं रहा है। कहानी भर में कहीं प्रेमी की निर्लज्जता, प्रगस्यता, वेदना की वीभत्स निवृति नहीं है। सुरूचि के सुकुमार स्वरूप पर कहीं आघात नहीं पहुँचता । इसकी घटनाएँ ही बोल रही है, पात्रों के बोलने की अपेक्षा नहीं l

प्रश्न 2. लपटन साहब ( ‘उसने कहा था’ कहानी का पात्र) की जेब से क्या बरामद हुआ था? [Sc. & Com. 2019AJ
उत्तर- ‘उसने कहा था’ कहानी में लपटन साहब की जेब से बेल के बराबर तीन गोले निकले।

प्रश्न 3. फिरंगी मेम के बाग में क्या-क्या था? /Sc. & Com. 2019A/
उत्तर- प्रस्तुत प्रश्न चंद्रधर शर्मा गुलेरी रचित कहानी ‘उसने कहा था’ से संबंधित है। फिरंगी मेम के बाग में मखमल की सी हरी घास है।

प्रश्न 4. लहना सिंह ने बोधा के प्रति किस त्याग का परिचय दिया था? [Sc. & Com. 2018A/
उत्तर- लहना सिंह ने बोधा के प्रति विशुद्ध प्रेम, त्याग एवं बलिदार का आदर्श स्थापित किया है। इसमें वह पूर्णरूपेण सफल भी रहा है।

प्रश्न 5. बोधा सिंह कौन है? [Sc. & Com. 20164/
उत्तर- बोधा सिंह ‘उसने कहा था’ शीर्षक कहानी के सूबेदार हजारा सिंह का है।

प्रश्न 6. लहना सिंह का प्रेम के बारे में लिखिए। (Sc. & Com. 2014A, 20104]
उत्तर- लहना सिंह अपनी किशोरावस्था में एक अंजान लड़की के प्रति आशक्त हुआ था, किन्तु वह उससे प्रणय सूत्र में नहीं बँध सका। कालान्तर में उस लड़की का विवाह सेना में कार्यरत एक सूबेदार से हो गया लहना सिंह सेना में भर्ती हो गया। अचानक अनेक वर्षों के बाद उसे ज्ञात हुआ कि सूबेदारिन ही वह लड़की है जिससे कभी प्रेम किया था। सुबेदारिन ने उससे निवेदन किया कि वह उसके पति तथा सेना में भर्ती एकमात्र पुत्र बोधा सिंह की रक्षा करेगा। लहना ने कहा था कि वह उस वचन को निभायेगा और अपने प्राणों का बलिदान देकर उसने अपनी प्रतिज्ञा का पालन किया। यही उसका वास्तविक प्रेम था।

प्रश्न 7. ‘उसने कहा था’ दिव्य प्रेम पर प्राणोत्सर्ग की कहानी है या नहीं?
उत्तर- ‘उसने कहा था’ दिव्य प्रेम पर प्राणोत्सर्ग की कहानी हैं। लहना सिंह /Sc. & Com. 20094/ अपने बचपन की छोटी-सी मुलाकात में उसके मन सूबेदारनी के प्रति जो प्रेम उदित हुआ था उसे वे अंततः तक बनाए रखता है। लहना सिंह अपनी चिंता न करके उसने सूबेदारनी के पति एवं बेटे की रक्षा की, क्योंकि यह ‘उसने कहा था’। अतः यह एक दिव्य प्रेम की कहानी है।

प्रश्न 8. ‘लहना सिंह’ कौन पार अथवा लहना सिंह का परिचय अपने शब्दों में दें। [Arts 20114/
उत्तर- लहना सिंह प्रथम विश्वयुद्ध के दरम्यान फ्रांस एवं बेल्जियम 68वीं सूची मैदान में घावों से कमरा नं० 77 सिख राइफल्स जमादार रहता है। वह कभी बचपनावस्था में अमृतसर के भीड़-भरी बाजार में एक आठ वर्षीय बालिका को एक लोंगे के नीचे आने से बचाया था। पुनः वर्षों बाद अपने फौजी मित्र सुबेदार हजारा सिंह की पत्नी के रूप में पाता है। तभी सूबेदारनी लहना सिंह से लड़ाई के दरम्यान सूबेदार हजारा सिंह एवं पुत्र बोधा सिंह को रक्षा करने के लिए निवेदन करती है।
युद्ध में लहना सिंह आत्मविश्वास उत्साह तथा मनोबल से लड़ता है जबकि हमारा देश भारतवर्ष की तरफ से नहीं, किन्तु भारत के शासक अंग्रेजी हुकूमत की कि ओर से लड़ता है। 1
लहना शारीरिक दृष्टिकोण से काफी इष्ट-पुष्ट मालूम पड़ता है और यह इस लड़ाई को जीवन में अदम्य साहस भरे क्षमता से सरकार के द्वारा 15 सिख सैनिकों की बटालियन के साथ दूसरे देश में भेज दिया जाता है। वहाँ का मौसम भी काफी ठंड से भरा हुआ जहाँ शत्रुओं से लोहा लेने के लिए कई दिनों तक बर्फ भरी खंदकों में बैठे रहना पड़ता । रह-रहकर कान के चादर फाड़ देने वाले गोली बारूद के आवाजों के बीच अपनी बटालियन के साथ वह जब जर्मन फौजियों से घिर गया तो दोस्त हजारा सिंह तथा उसके बेटे को पीछे छोड़ते हुए लड़ा तथा पूरी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए बाँका वीर फौजी अंततः शहीद हो जाता है।

प्रश्न 9. लहना के गाँव में आया तुकी मौलवी क्या कहता था ?
उत्तर- लहना के गाँव में आया तुर्की मौलवी कहता है कि जर्मनी वाले बड़े पंडित हैं । वेद पढ़-पढ़कर उसमें से विमान चलाने की विद्या जान गए हैं। गौ को नहीं मारते। हिंदुस्तान में आ जाएँगे तो गौहत्या बंद कर देंगे। इसलिए डाकखाने से रुपया निकाल लो, सरकार का राज्य जानेवाला है।

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